मेरी एक ताज़ा ग़ज़ल आप सब की नज़्र
-
ग़ज़ल
हर घड़ी यूँ ही सोचता क्या है?
क्या कमी है ,तुझे हुआ क्या है?
किसने जाना है, जो तू जानेगा
क्या ये दुनिया है और ख़ुदा क्या है?
दर-बदर खाक़ छानते हो तुम
इत...
1 year ago
No comments:
Post a Comment